श्रीदेवनारायण भगवान विष्णु के अवतार हैं। इनकी पूजा पुरे भारतवर्ष में होती है। इनका भव्य मंदिर मालासेरी डूंगरी, तहसील आसीन्द जिला भीलवाड़ा राजस्थान में है। अवतार मालासेरी डूंगरी पर माता साडू की अखंड तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु देवनारायण के रूप में शंक सवंत 968 माघ महीने की छठ-सातम की शामी रात शनिवार को चट्टान फाड़कर कमल फूल की नाभि से अवतार लिया। उसी क्षण मालासेरी डूंगरी कुछ पलों के लिए पूरी सोने की हुई राजा इंद्र ने नन्हीं बूंदों से बरसात की और 33 करोड़ देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा की। स्वर्ग से पांच कामधेनु गाय उत्तरी। देव जी के अवतार से 6 माह पूर्व भादवी छठ पर इसी डूंगरी पर एक अन्य सुरंग से देव जी के घोड़े लीलाधर का अवतार हुआ और इसी के पास एक और सुरंग से नाग वासक राजा का अवतार हुआ। जिस जगह कमल का फूल निकला उस जगह अनन्त सुरंग हे जो वर्तमान में उस सुरंग पर देवजीकी मूर्ति विराजमान हे । देवजी की ३ रानियां थीं- पीपलदे (धारा के गुर्जर परमार राजा की बेटी), नागकन्या तथा दैत्यकन्या।